हेलो फ्रेंड आज के आर्टिकल में हम पढ़ेंगे कि भारत में किस प्रकार पेयजल समस्या का संकट है और स्मार्ट विलेज से हम पेयजल की समस्या वह किस प्रकार समाप्त कर सकते हैं |
भारत में जल संकट---
आज भारत में पेयजल की समस्या एक बहुत विकराल समस्या है कई गांव ऐसे हैं जहां कई किलोमीटर दूर से पानी लेकर आना पड़ता है इससे लोगों को काफी मेहनत और काफी समय लगता हैभूजल का अत्याधिक दोहन होने के परिणाम स्वरुप हमारे जल का स्तर बहुत नीचे गिरने लगा है जिससे नलकूप एवं कुआं बहुत गहराई तक खुदना पड़ता है और शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या पलायन के परिणाम स्वरुप शहरों की जनसंख्याा मेंवृद्धि होती है और शहर के संसाधनों पर दबाव पड़ता है जिससे शहरों में पानी की किल्लत उत्पन्न होती है कई शहर तो ऐसे हैं जहां पर टैंकर से पानी सप्लाई करना पड़ता है और वहां पर अप्रत्याशित भीड़ आने के लिए लग जाती है और किसानों को सिंचाई के लिए सूखे का सामना करना पड़ता है जिससे उनकी फसल खराब हो जाती है और उत्पादन कम रहता है पड़ता है ड़ता है ता है ता है ड़ता ता ता ता भविष्य में पेयजल की समस्या बहुत विकराल होने वाली है मगर स्मार्ट विलेज से जल की समस्या का समाधान किया जा सकता है जो समस्याएं निम्नलिखित और नीचे दी गई है |
1. पेयजल की समस्या- भारत में आज भी कई गांवों व बढ़ती शहरी जनसंख्या के कारण पेयजल संकट की बहुत बड़ी समस्या है गर्मियों में यह और विकराल हो जाती है |
2. जलस्तर में गिरावट- जल के अत्यधिक दोहन से हमारा जलस्तर नीचे गिर रहा है इसके परिणाम स्वरूप भविष्य में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न होने वाली है |
3. सिंचाई के
लिए अपर्याप्त जल - भारत में किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं और बुंदेलखंड जैसे इलाके सूखा से प्रभावित है जहां से पलायन प्रतिदिन हो रहा है और जमीन बंजर के करीब है अगर जल की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह बहुत ही भयावह स्थिति होगी |
4. जल प्रदूषण- आज हमारे देश में कई नदियां जल प्रदूषण से ग्रस्त है लोगों के घर से और उद्योगों से जो कचरा निकलता है वह नदियों में बहा दिया जाता है जिसके परिणाम स्वरूप नदियों का जल दूषित हो रहा है और इसी जल को लोग पीते हैं जिससे कई बीमारियां उत्पन्न होती है
5. दूर से
पानी लाना - आज भी हमारे देश की ग्रामीण आबादी दूर-दूर से पेयजल लेकर आती है जिससे उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है और समय भी अधिक लगता है |
6. समुद्री जल
स्तर में वृद्धि - समुद्री जल स्तर में वृद्धि पूरे विश्व की बहुत बड़ी समस्या है यह समस्या वायु प्रदूषण के परिणाम स्वरूप हो रही है जिससे हमारे ग्लेशियस पिघल रहे हैं हैं और वह पानी समुद्र में आता है इसके परिणाम स्वरूप जल स्तर में वृद्धि हो रही है |
.स्मार्ट विलेज क्या है जानने के लिए यहां क्लिक करें |
स्मार्ट विलेज में पेयजल की व्यवस्था
स्मर्ट विलेज पेयजल और जल संकट की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है स्मार्ट दिल से हम वर्षा जल संरक्षण कर सकते हैं और उस जल का उपयोग भविष्य में कर सकते हैं जिससे हमारा जल संरक्षण होगा और स्मार्ट विलेज निर्माण के साथ-साथ कई बांधों का निर्माण भी होगा जिससे भूजल स्तर में वृद्धि होगी और किसानों को सिंचाई के लिए जल आसानी से उपलब्ध होगा और पेयजल की समस्या को भी दूर किया जा सकता है अरे स्मार्ट विलेज में तालाब का निर्माण होगा जिसमें में वर्षा जल संरक्षक होगा |
1. वाटर सप्लाई - स्मार्ट विलेज के निर्माण से हर घर तक वाटर सप्लाई स्मार्ट विलेज में पानी की टंकी का निर्माण किया जाएगा इसका पानी पूरे स्मार्ट विलेज में सप्लाई किया जाएगा जिससे पानी की पहुंच हर घर तक होगी और हर घर तक शुद्ध और साफ पानी पहुंचेगा और महिलाओं को दूर दूर से पानी नहीं लाना पड़ेगा जिससे उनके समय और श्रम दोनों की बचत होगी |
2. वर्षा जल संरक्षण - स्मार्ट विलेज
के निर्माण से
वर्षा जल संरक्षण किया
जाएगा स्मार्ट विलेज
में तालाब का
निर्माण होगा और सड़क
को में भी
वर्षा जल संरक्षण की
व्यवस्था होगी जिससे जो
पानी गिरेगा वह
तालाब में पहुंचेगा और
वर्षा जल का
संरक्षण होगा इस गाने
को लोग भविष्य
में प्रयोग कर
सकते हैं इससे
भूजल स्तर में
भी वृद्धि होगी |
3. बांध व तालाब का निर्माण - स्मार्ट विलेज
के निर्माण से
कई बांध का
तालाब का निर्माण होगा
जिससे किसानों को
सिंचाई के लिए
पर्याप्त पानी मिलेगा और
उनकी लागत भी
काफी कमी आएगी
जिससे किसानों के
लाभ में वृद्धि
होगी |
4. जल स्तर में वृद्धि - बांध
का तालाब के
निर्माण से जल स्तर
में वृद्धि होगी
जिससे हमें भविष्य
में जल संकट
का सामना नहीं
करना पड़ेगा और
हमारी अगली पीढ़ी
को चल के
लिए कोई समस्या
नहीं होगी |
5. दूषित जल - स्मार्ट विलेज
के निर्माण से
दूषित जल को
बायोगैस में छोड़ा जाएगा
और हर मोहल्ले में
डस्टबिन या कचरे घर
की व्यवस्था होगी
जिससे कचरे को
इसमें डाला जाएगा
और कचरा रीसायकल या
खाद के रूप
में प्रयोग किया
जाएगा जिसके परिणाम
स्वरूप जल प्रदूषण नहीं
होगा |
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