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स्मार्ट विलेज निर्माण से भूमि प्रदूषण पर नियंत्रण

 


भूमि प्रदूषण

आज भूमि प्रदूषण की समस्या हर गांव और शहर में विद्यमान है भूमि प्रदूषण सर्वाधिक पॉलिथीन से होता है हम जो रासायनिक खाद का छिड़काव करते हैं उससे भी भूमि प्रदूषण होता है |


भूमि प्रदूषण के कारण

1. पॉलिथीन  - पॉलिथीन भूमि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है लोग कुछ भी सामान खरीदते हैं उसके साथ पॉलिथीन जरूर मिलती है लोग सामान का प्रयोग कर उस पॉलिथीन को रास्ते में फेंक देते हैं जिससे वह भूमि में मिल जाती है और भूमि को दूषित करती है पॉलिथीन से भूमि की उर्वरा शक्ति भी कमजोर होती है |


2.
रासायनिक खाद  - किसान अपनी जमीन में रसायनिक खाद का प्रयोग करते हैं यह खाद भूमि के स्वास्थ्य के साथ-साथ मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है इससे भी भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है और भूमि प्रदूषण में वृद्धि होती है |


3.
सफाई की उचित व्यवस्था - गांव और कई शहरों में सफाई की उचित व्यवस्था नहीं होती जिससे कूड़ा करकट हर कहीं पड़ा रहता है जिससे कि भूमि प्रदूषण होता है और कई बीमारियों को जन्म देता है जिससे मानव के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पढ़ते हैं साथ साथ इससे भूमि प्रदूषण भी होता है |


4.
कचरा प्रबंधन - हमारे गांव और शहरों में कचरे का उचित प्रबंधन ना होने के परिणाम स्वरूप कचरा कहीं भी फेंक दिया जाता है इस कचरे में कई प्रकार के अपशिष्ट पदार्थ होते हैं कई पशु इन्हें खा लेते हैं जैसे गाय पॉलिथीन को खा लेती है जिससे कि पशुओं की बीमार होने के ज्यादा संभावना रहती है हो रहे वातावरण पर भी हानिकारक प्रभाव डालती है |


5.
कृषि अपशिष्ट - फसल कटने के उपरांत कृषि का जो अपशिष्ट होता है उसमें आग लगा दी जाती है जिससे राख उत्पन्न होती है यह राख हवा के जरिए वातावरण में फैलती है और मनुष्य के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालती है |


भूमि प्रदूषण के परिणाम
भूमि प्रदूषण के कारण इसके कई घातक परिणाम भी होते हैं भूमि प्रदूषण से हमारी भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है और इससे मानव के स्वास्थ्य पर अनेकों प्रभाव पड़ते हैं कचरा प्रबंधन सही तरीके से ना होने के कारण इस कचरे को पशुओं द्वारा खा लिया जाता है जिससे पशुओं की मृत्यु हो जाती है अतः इस प्रकार हम कह सकते हैं की भूमि प्रदूषण मानव तथा पशुओं दोनों के लिए हानिकारक है |

स्मार्ट विलेज से मृदा प्रदूषण पर नियंत्रण

स्मार्ट विलेज निर्माण से हम मृदा प्रदूषण पर नियंत्रण पा सकते हैं और हमारे वातावरण को स्वच्छ बना सकती हैं स्मार्ट विलेज से मृदा प्रदूषण पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है
लिखित उपायों द्वारा स्मार्ट विलेज से मृदा प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है |


1.
कचरा घर - स्मार्ट विलेज की हर मोहल्ले में कचरा घर की व्यवस्था होगी जो हर घर के पहुंच के पास होगा जिससे घरों से जो भी कचरा निकलेगा बाहर कचरा ही घर में जाएगा जिससे कचरा फैलेगा नहीं और और मृदा प्रदूषण नहीं होगा |


2.
कृषि में बायो खाद का प्रयोग - हर स्मार्ट विलेज में बायोगैस की व्यवस्था होगी जिससे बायोगैस में गोबर की खाद पैदा होगी इस खाद का प्रयोग कृषि में किया जा सकता है जो मृदा के स्वास्थ्य के साथ-साथ मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होगा |


3.
पॉलीथिन का रिसाइकल - स्मार्ट विलेज में कई स्मार्ट विलेज के बीच एक पॉलीथिन रीसाइकलिंग सेंटर होगा जिसके द्वारा स्मार्ट विलेज से जो पॉलिथीन उत्पन्न होगी उनका पुनः उपयोग संभव बनाएगा जिससे पॉलिथीन से फैलने वाला कचरा नहीं फैलेगा और यह पशुओं के स्वास्थ्य के साथ मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है |


4.
भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि - स्मार्ट विलेज निर्माण से भूमि के लिए जैविक खाद कचरे पर नियंत्रण होने से भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी |


भूमि प्रदूषण नियंत्रण के फायदे
स्मार्ट विलेज से भूमि प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है भूमि प्रदूषण नियंत्रण होने से हमारे कई पशुओं की जान बचाई जा सकती है भूमि प्रदूषण नियंत्रण से पॉलिथीन का कचरा वातावरण में नहीं फैलेगा जिससे कोई भी पशु पॉलिथीन को नहीं खाएगा जिससे उसकी मृत्यु नहीं होगी बायोगैस से प्राप्त होने वाले जैविक खाद का प्रयोग कृषि में किया जाएगा जोकि मानव के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा और मानव का इलाज पर होने वाली खर्चों से भी बचा जा सकता है जिससे लोगों की आय में वृद्धि होगी वह खर्चों में कमी होगी |

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