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स्मार्ट विलेज से जल प्रदूषण पर नियंत्रण


हेलो फ्रेंड आज की आर्टिकल में हम जानेंगे कि किस तरीके से भारत की नदियां दूषित हो रही है और जल प्रदूषण बढ़ रहा है एवं स्मार्ट विलेज से हम जल प्रदूषण पर कैसे नियंत्रण पा सकते हैं ?

जल प्रदूषण क्या है ?

जल में जब हम कचरा और अपशिष्ट पदार्थों को फेंक देते हैं जिसके कारण जो जल गंदा होता है वह जल प्रदूषण कहलाता है आज उद्योगों से निकलने वाला कचरा या घरों से निकलने वाला कचरा जल में बहा दिया जाता है साथ-साथ हमारे पशुओं को भी नदियों मैंने नहलाया जाता है इससे भी जल प्रदूषण होता है |

जल प्रदूषण के कारण
जल प्रदूषण के अनेक कारण हैं जो निम्नलिखित हैं |


1.
घरेलू कचरा = गांव और शहर के लोग जो घरों से कचरा निकलता है उसे नदियों में बहा देते हैं जिसके परिणाम स्वरूप हमारी नदियां दूषित हो रहे हैं और वही जल लोग पीते हैं जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है |


2.
पशुओं को नहलाना = गांव के लोग खुद और साथ-साथ पशुओं को नदियों में नहीं लाते हैं जिससे जो गंदगी पशुओं में लगी होती है वह जल में मिल जाती है जिसके परिणाम स्वरूप जल प्रदूषण होता है और लोग खुद नदियों में साबुन से नहाते हैं जिससे भी जल प्रदूषण होता है |


3.
घरों और उद्योगों का दूषित जल = घर और उद्योगों से जो जल दूषित होता है उसे नालियों में बहा दिया जाता है और यह जल नदियों में पहुंचता है जिसके परिणाम स्वरूप नदियों का पानी दूषित होता है |


4.
फसलों में कीटनाशक का छिड़काव = जब हमारे खेतों में रसायनिक कीटनाशकों का छिड़काव होता है और उस पर बरसात हो जाती है तो यह दवा वर्षा जल के साथ पानी में मिल जाती है और है पानी नदियों में आकर मिल जाता है इसके परिणाम स्वरूप जल प्रदूषण होता है |


5.
कपड़े और परिवहनो को धोना  = लोग अपने कपड़े और परिवहन नदियों में जाकर चलते हैं कपड़ों को धुलने के लिए वह साबुन का प्रयोग करती है जिससे हमारा जल प्रदूषण होता है और नदियां दूषित होती है |


6.
शौच  = गांव के लोग सोच के लिए नदियों तालाबों के पास जाते हैं जिससे गंदगी जल में मिल जाती है जिसके परिणाम स्वरूप जल दूषित होता है और इससे कई बीमारियां उत्पन्न होती है |

 

जल प्रदूषण के प्रभाव

जब हमारी नदियां दूषित होती हैं तो यह जल किसी भी माध्यम से मनुष्य पेयजल के रूप में उपयोग करता है और यही जल मनुष्य के अंदर कई बीमारियां उत्पन्न करता है जैसे हेजा आदि इससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और मनुष्य को बीमारियों पर खर्च करना पड़ता है इससे उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है |



स्मार्ट विलेज से जल प्रदूषण पर नियंत्रण---

स्मार्ट विलेज के निर्माण से हम जल प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते हैं जिससे लोगों को शुद्ध जल मिलेगा और लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और हमारे नदियां भी साफ सुथरी रहेंगी स्मार्ट प्लेस में जल प्रदूषण पर नियंत्रण के निम्नलिखित उपाय हैं |


1.
घरेलू जल और बायोगैस - स्मार्ट विलेज में जो घरों से गंदा पानी निकलेगा उसका प्रयोग नालियों के माध्यम से बायोगैस में किया जाएगा जिससे दूषित जल का उपयोग भी होगा और जल प्रदूषण भी नहीं होगा |


2.
हर घर में शौचालय का निर्माण- स्मार्ट विलेज निर्माण के साथ हर घर में शौचालय का निर्माण होगा जिससे सभी लोग शौचालय का प्रयोग करेंगे और वह खुले में शौच नहीं करेंगे जिससे जल प्रदूषण नहीं होगा |


3.
पक्की नालियों का निर्माण- स्मार्ट विलेज में पक्की नालियों का निर्माण होगा जिससे जल नालियों के द्वारा ही रहेगा इससे गंदा पानी सड़कों पर नहीं जाएगा और जल प्रदूषण भी नहीं होगा |


4.
वाटर सप्लाई सिस्टम - स्मार्ट विलेज में वाटर सप्लाई सिस्टम होगा जिससे शुद्ध जल हर घर तक पहुंचेगा और है लोगों के स्वस्थ के लिए लाभदायक होगा जिससे लोगों को जल द्वारा जनित बीमारियों से बचाव होगा और लोग स्वस्थ रहेंगे जिससे उन्हें बीमारियों पर खर्च नहीं करना पड़ेगा और वह आर्थिक रूप से संपन्न होंगे |


5.
कचरा घर - स्मार्ट विलेज की हर मोहल्ले में कचरा घर की व्यवस्था होगी जो हर घर की पहुंच में होगा जिससे लोग घरों से निकला हुआ कचरा कचरा घर में डालेंगे और कचरा नदियों में नहीं जाएगा जिससे हमारी नदियां स्वस्थ रहेंगी |

6.जैविक खाद का प्रयोग - स्मार्ट विलेज में बायोगैस का निर्माण होगा इसमें गोबर का खाद भी निकलेगा इस खाद का प्रयोग किसान अपनी फसलों में करेंगे | जैविक खाद जल प्रदूषण नहीं फैलाता और पर्यावरण के लिए भी लाभदायक होता है |

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